गुरुवार 24 अप्रैल 2025 - 05:40
इमाम जाफर सादिक (अ) के दृष्टिकोण में नमाज़ की क़ुबूलियत की शर्त

हौज़ा/ इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में नमाज़ पढ़ते समय मुहम्मद और आले मुहम्मद (अ) पर दुरूद भेजने की फ़ज़ीलत की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "उसूल काफी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیہ السلام:

کُلُّ دُعَاءٍ یُدْعَى اللَّهُ عَزَّ وَجَلَّ بِهِ مَحْجُوبٌ عَنِ السَّمَاءِ حَتَّى یُصَلَّى عَلَى مُحَمَّدٍ وَآلِ مُحَمَّدٍ

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने फ़रमाया:

अल्लाह तआला से की गई प्रत्येक दुआ स्वर्ग तक नहीं पहुंचती और तब तक "स्वीकार" नहीं होती जब तक मुहम्मद और आले मुहम्मद (अ) पर दुरूज नहीं भेजा जाता।

उसूल काफी, भाग 2, पेज 493

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